तमाम विद्वानों ,लेखकों और आज की उपयोगिताओं को देखते हुये हम ये कह सकते है और मानते भी है कि सोशल मीडिया हिन्दी के पुनरुत्थान के सहायक सिध्द हुयी। हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में सोशल मीडिया का बहुत बडा योगदान है। हिन्दी आज विश्व की दूसरी बड़ी भाषा है और […]

प्रभॉशु इस दीवाली किसी घर के चौखट पर अधेरा न रहें किसी घर का कुलदीपक न बुझे किसी घर के दरवाजे पर एम्बुलेंस न हो किसी घर के चूल्हे में अंधेरा न हो इस दीवाली किसी अस्पताल के आई.सी.यू में कोई मरीज तड़पते हुए बाहर न आये हे ईश्वर इस […]

1. किस्मत के भरोसे ना बैठ     सफलता तेरी राह देख रही है     आज हुनर तो दिखलादे     उन्नति तेरी कला देख रही है। 2. आज कर दृण निश्चय    की पत्थर तू पिघलाएगा    और हिम्मत की कलम से लिख    यह जमाना तेरा हो […]

भारतीय भाषा की झंकार, जनमानस तक पहुचाई, कृष्ण तुम्हारी गीता गाई,। तेरे द्वार लगाया डेरा, जीवन सफल हुआ मेरा, तेरे चरणो की रज लेकर, अंग -अंग भस्म समाई, कृष्ण तुम्हारी गीता गाई। अश्रु बहाये चरणो पर जब, सत्यामृत की धार वही तब, अपने उर के चम्मच से, प्यासे जग की […]

निराश नही है अपनी जिन्दगी से जो सड़क के किनारे लगे कूढ़े को उठाता हुआ अपनी प्यासी अॉखो से कुछ दूढ़ता हुआ फिर सड़क पर चलते हंसते खिलखिलाते धूलउडाते लोगो को टकटकी निगाह से देखता फिर कुछ सोचकर अपनी नजरे दुबारा अपने काम पर टिका लेता शायद ये सब मेरे […]

       डूबती हुई सूरज की किरणों के साथ विदा हुई एक और साल की वनवास यात्रा, विदा हुई तारीखों की नदियॉ और कैलेण्डर का आखिरी महीना, जो किसी पक्षी की तरह पंख फड़फड़ा रहा है। बीत गई लम्बी वनवास की यात्रा, प्रासंगिक प्रशनों को छोड़ गई एक और […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।