ग़ज़ल

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orin abbasi
कभी बिस्तर   कभी  चादर    कभी तकया  बना   लूं   मैं
तुम्हारी ज़ात को अपने लिए क्या क्या बना लूं मै
ज़माने का कोइ डर ही न हो मुझको मिरे दिलबर
कनारा कर के दुनया से तुझे अपना बना लूं मैं
कभी दिल चाहता है तुझ में गुम हो कर मैं रह जाऊँ
कभी सोचूं कि तुझको अपना ही साया बना लूं मैं
तकल्लुम में मिरे घुल जाओ तुम शीर व शकर हो कर
तुम्हें मेहबूब अपना अब लब व लहजा बना लूं मैं
निकल कर ऐ अदा जिस से कभी न जाऊँ मैं बाहर
उसे अपने लिए वो प्यारी सी दुनया बना लूं मैं।

#डॉ औरीना ‘अदा’

ओरीना अब्बासी 
तखल्लुस “अदा” 
आगाज ए शायरी 1997 
शिक्षा :एम ए (अर्थ शास्त्र) 
एम ए (समाज शास्त्र) 
एम ए (राजनीति शास्त्र) 
एम ए अंग्रेज़ी साहित्य 
एम ए msw (सोशल वर्क) 
बी:एड :पी एच डी 
उर्दू अदीब ‘माहिर’ कामिल ‘मोअल्लिम (AMU)

Cig सर्टिफिकेट इन गाइडेंस एवं काउंसिलिंग 
पद 
शिक्षिका’ एन जी ओ सेक्रेटरी ‘ब्यूटीशियन। 
पुरस्कार 
1 सृजन कामना पुरस्कार 
2 शायर ए वतन 
3 महेश जोशी गीतकार सम्मान 
4 हजरत गाजी गाजीपुर सम्मान 
5 कला निधि शिक्षक सम्मान 
उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान 
लकब :शायरा ए वतन 
शान ए भोपाल 
मजमूआ ए कलाम 
अदा ए सुखन 
व विभिन्न गजल एवं काव्य संग्रह में गजल प्रकाशित 
पता  भोपाल(मध्यप्रदेश)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।