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जिसको देखो वही शख़्स खोया हुआ,
दर्द सबके दिलों में है बोया हुआ।
तेरे आग़ोश में आ गया होश में,
एक ज़माने से मैं तो था सोया हुआ।
तेरे दिल में तो पहले से ही दर्द था,
अब तो चेहरा भी लगता है रोया हुआ।
मुझको दीवाना-ए-ग़म वो कहने लगे,
जिनका ग़म हँसते-हँसते है ढोया हुआ।
इस चमक से ग़लतफ़हमी मत पालना,
‘सोनू’ अश्कों ने चेहरा है धोया हुआ॥
#सोनू कुमार जैन
परिचय : १९८६ में जन्मे सोनू कुमार जैन,सहारनपुर के रामपुर मनिहारान (उत्तरप्रदेश) के निवासी हैं। सहारनपुर जिले में सरकारी अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। इन्होंने बीएससी के पश्चात बीएड,एमए(अंग्रेजी साहित्य)किया और अब हिन्दी साहित्य से एमए कर रहे हैं। मुक्तक,कविता,गीत, ग़ज़ल,नज़्म इत्यादि लिखते हैं। योग विधा से भी वर्षों से जुड़े हुए हैं और मंचों से योग प्रशिक्षण एवं योग शिविर इत्यादि संचालित करते हैं।
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