अगस्त क्रांति

0 0
Read Time48 Second

देश की आजादी के आंदोलन की
अगस्त क्रांति है अनूठी गाथा
सन 1857 से पहले रची थी
इतिहास बनी जो क्रांति गाथा
रुड़की के कुंजा बहादुर गांव की
इतिहास में दर्ज है अमर कहानी
सन 1824 में बगावत करके
खूब धूल चटाई थी अंग्रेजों को
राजा विजय सिंह ने इतिहास रचा
हक दिलवाया था किसानों को
लड़ते लड़ते शहीद हो गए
सिर नही झुकाया राजा ने
152 को वट वृक्ष पर लटकाया
तिरंगा न झुकने दिया वीरो ने
राष्ट्र प्रेम की यह गौरव गाथा
आज भी कुंजा की हर कोई कहता।
#श्रीगोपाल नारसन

matruadmin

Next Post

किसान का रूदन

Sat Aug 8 , 2020
खोटी करी ऐ बादळी,तन मन करियो उदास|दिनभर फाड़ा आंखड़ल्यां, साँझ पड़्या निराश| जोर तपे है तावड़ा , जीवन झुळस्यो जाय|हिवड़े में हुळसाड़ होयग्यो, टिड्डी अन्न ने खाय|| राज उळजग्यो लफड़ा में, पत रो पतन करा रियो हैं |मिनखपणा की मौत आय गी, जीव जीव ने खा रियो है|| शिव गल्दवा […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।