इसे रंगों में न बाँटो

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shashank sharma1
फिर परिहास हुआ देखो,इस भारत की माटी में।
गिरगिटों ने रंग बदले,क्या फिर उसी परिपाटी में॥
झंडे के रंगों ने क्या फिर,अपनी फ़िज़ा बिगाड़ी है ?
या इसके पीछे भी साजिश,अब कोई लगती भारी  है ? ?
बाप से ज्यादा पड़ोसी अब,हमको प्यारा दिखता है ?
तिरंगे में भी अब हमको,क्या कोई रंग ज्यादा लगता है ? ?
श्वेत रंग बीच में पड़,कब तक उन्मादों को टाले।
चौबीस कड़ियों-सा चौबीस घण्टे बस शांति की चिंता पाले॥
जिस धरती पर माथा टेका,उसका अहसान चुका देना।
मादरे वतन की खातिर,अशफ़ाक-सी जान लड़ा देना॥
वंदे मातरम् मत कहना,गर मज़हबी नहीं इज़ाज़त है।
पर पड़ोसी की जय-जयकार,रिवायत नहीं बगावत है॥
इस जात-धर्म के झगडे़ में अब,मानवता को मत काटो।
तिरंगा एक ही रहने दो,इसे रंगों में तो न बाँटो॥

           #शशांक दुबे

परिचय : शशांक दुबे पेशे से उप अभियंता (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना), छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश में पदस्थ है| साथ ही विगत वर्षों से कविता लेखन में भी सक्रिय है |

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।