सिर्फ लाल

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मेरी माँ ने एक बार कहा था ,
बेटे जहा गणतंत्र का झंडा ,
फहराया जाये ,
26 जनवरी को ,
वहा ! उस जश्न मे मत जाना ,
उस झण्डे के नीचे मत जाना ,
ये सफेदपोश ,
उस झण्डे को दागदार कर दिये है ,
हर साल इसकी छाया मे ,
इसके साथ बलात्कार करते है ,
जर्जर बना दिये है इसे ,
अब टूटने ही वाली है – यह आजादी !
सुनो बेटे! यह सुनो बेटे! सुनो –
यह गीत किसी कवि का है –
“बाहर न जाओ सैया ,
यह हिन्दुस्तान हमारा ,
रहने को घर नही है ,
सारा जहा हमारा है” ,
रेडियो पर सुनते ही यह गीत ,
मै ठठा कर हंसा था ,
और माँ से कसम लिया था –
जब तक मै मुखौटे नोचकर ,
इनका असली रूप / तुम्हारे सामने,
नही रखूँगा ,
लानत होगी मेरी जवानी की ,
धिक्कार होगा मेरे खून का ,

इस झण्डे को ,
अब बिल्कुल लाल करना होगा माँ ,
तुम मुझमे साहस भरो ,
लाल क्रांति का आहवान दे रही है माँ ,
ताकि तिरंगे के नीचे कोई रंग न हो ,
कोई रंगरेलिया न हो ,
इसे एक रंग मे रंगना होगा ,
एक रंग मे सिर्फ लाल ,
सिर्फ लाल माँ !

रूपेश कुमार
छात्र एव युवा साहित्यकार
शिक्षा – स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर)
बी.एड( महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी बरेली यूपी)
वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !
प्रकाशित पुस्तक ~ मेरी कलम रो रही है
विभिन्न राष्ट्रिय पत्र पत्रिकाओ मे कविता,कहानी,गजल प्रकाशित !
कुछ सहित्यिक संस्थान से सम्मान प्राप्त !
चैनपुर,सीवान बिहार – 841203

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।