ऐसे न देखो ऐ सनम…

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pradeep kumar epk
ऐसे  ना  देखो  ऐ   सनम,
हम  दिवाने   हो   रहे   हैं।
पलकें  जरा  झपका  लो,
हम    इनमें   खो   रहे  हैं।
ऐसे ना देखो…॥
जब  से  दिखे  हो सनम,
टूटे  हैं  हमारे  सब भरम।
सच कहूं तुम्हारी  कसम,
हम   मस्ताने  हो  रहे  हैं।
ऐसे ना देखो…॥
ऐसे  हुआ  हुश्न-ऐ-असर,
तुमको  कहा जाने जिगर।
तुम बनो  अब  हमसफर,
सब  अनजाने हो  रहे  हैं।
ऐसे ना देखो…॥
कुछ तो कहो मेरी ग़ज़ल,
ऐसे ना बनो  तुम  हजल।
यहां सब तराने हो रहे हैं,
अपने फसाने हो रहे हैं।
ऐसे ना देखो…॥
ऐसे  ना  देखो  ऐ  सनम,
हम  दिवाने  हो  रहे   हैं॥
            #इं. प्रदीप कुमार
परिचय : इं.पी.के. हाथरसी सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश के खन्दारी गढ़ी( हाथरस) में रहते हैं। आपका मूल नाम इं. प्रदीप कुमार और उपनाम इं.पी.के. हाथरसी है। शिक्षा-बी.टेक करके पेशे से इंजीनियर ही हैं। रुचि गीत,कविता और लेख के लेखन में है।

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