तेरा कानून

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annapurna
स्वतंत्र-संस्थानों के कानून-
वारांगणानों के हाव भाव-
दोनों में है कितनी समानता-
कितना मिलाव।
चाँदी की चमक के माप पर
बदलते भाव,वारा-कन्याओं के-
मालिकों के लाभ-हानि के माप पर,
बदलते कानून-स्वतंत्र संस्थाओं के।
ज्यों हो कोई संगीत कुर्सी का खेल-
रुक जाता है संगीत,
बजते-बजते।
खिलाड़ी हो जाते विवश-
चलते-चलते।
स्वतंत्र संस्थाओं के कानून-यों-ही-
अचानक रुक जाते-
हो जाते,परिवर्तित चलते-चलते।
अनुयायी रहते हैं असहाय,परवश
सौंपकर,हाथ-पैर,आँख,मस्तिष्क-
शरीर-सामर्थ्य की सम्पूर्ण पुंजी-
सुनते रहते हैं बोल-
कानून के कर्कश।
यहाँ कानून कानून नहीं-
बस है नाम का।
यह तो सुविधा है-
मालिकों के काम की।
नहीं है कोई भरोसा-
कब क्या होगा-
आज जो होता है,
कल भी,वही होगा,या
हुआ होगा।
भलाई है इसी में,रहें देते समर्थन-
गाँधी के तीन बंदरों की तरह-
चुपचाप-
अनसुने,अनबोले,अनदेखे-
करवाते रहें-
अपने-अपने अधिकारों के-
अपहरण।
बस इतना ही मान लीजिए-
स्वतंत्र संस्थानों में करना है काम –
तो इन नियमों को जान लीजिए…॥
                                                 #डॉ.अन्नपूर्णा श्रीवास्तव
 परिचय : डॉ.अन्नपूर्णा श्रीवास्तव लेखन में  कविता,कहानी,ग़ज़ल माता के आगमन-विसर्जन के गीत भजन  निबंध आदि लिखती हैं। आप लगभग सभी विधाओं में सृजन करती हैं। आप बिहार से हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।