ऊपरवाला बनाता एक है
हम बन जाते अनेक हैं,
हम बनते अनेक हैं हमारा धर्म अनेक हैl
रंग का कोई धर्म नहीं होता,
पर हर धर्म का रंग होता हैl
भगवान बनाता है एक इंसान
इंसान बनाता है,अनेक भगवानl
भूल जाते हैं सब,
रोते हुए ही आते हैं सब
सोते हुए ही,जाते हैं सबl
एक सूर्य है,एक चाँद है,
एक पृथ्वी है,जिस पर रहता इंसान हैl
ऊपर वाले का,खेल भी नेक बनाता है,इंसान को एक, पर आते ही,सब बँट जाते हैं, कोई हिन्दू,तो कोई मुस्लिम हो जाते हैंl
जबकि,
एक ही सूर्य की,रोशनी है मिलती
आसमान के सितारे हैं सभी को एक दिखती,
एक ही चाँद पर,सबने कदम रखा
एक पृथ्वी के मिट्टी का स्वाद ही,
सबने चखाl
फिर भी हम अलग हैं
हर राह पर,हमारा जात-धर्म है,
सबकी मंज़िल भी एक है
कि,अपनी मंज़िल पा जाऊंl
पर,
एक होते हुए भी
सब अनेक हैंll
खुशबू कुमारी
परिचय:खुशबू कुमारी की जन्मतिथि-२० जनवरी १९९६ और जन्म स्थान-मैथन(धनबाद) हैl वर्तमान में आपका निवास एरिया न. ३ में मैथन डैम(धनबाद) के पास हैl झारखंड राज्य से सम्बन्ध रखने वाली खुशबू कुमारी ने
गणित विषय से स्नातक की पढ़ाई की हैl लिखना आपकी पसंद का काम हैl