हम एक हैं

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ऊपरवाला बनाता एक है
हम बन जाते अनेक हैं,
हम बनते अनेक हैं                                                                                                                                                                                  हमारा धर्म अनेक हैl

रंग का कोई धर्म नहीं होता,
पर हर धर्म का रंग होता हैl

भगवान बनाता है एक इंसान
इंसान बनाता है,अनेक भगवानl
भूल जाते हैं सब,
रोते हुए ही आते हैं सब
सोते हुए ही,जाते हैं सबl

एक सूर्य है,एक चाँद है,
एक पृथ्वी है,जिस पर रहता इंसान हैl

 

ऊपर वाले का,खेल भी नेक                                                                                                                                                                            बनाता है,इंसान को एक,                                                                                                                                                                                पर आते ही,सब बँट जाते हैं,                                                                                                                                                                          कोई हिन्दू,तो कोई मुस्लिम हो जाते हैंl

जबकि,
एक ही सूर्य की,रोशनी है मिलती
आसमान के सितारे हैं सभी को एक दिखती,
एक ही चाँद पर,सबने कदम रखा
एक पृथ्वी के मिट्टी का स्वाद ही,
सबने चखाl

फिर भी हम अलग हैं
हर राह पर,हमारा जात-धर्म है,
सबकी मंज़िल भी एक है
कि,अपनी मंज़िल पा जाऊंl

पर,
एक होते हुए भी
सब अनेक हैंll

                                                                                             खुशबू कुमारी

परिचय:खुशबू कुमारी की जन्मतिथि-२० जनवरी १९९६ और जन्म स्थान-मैथन(धनबाद) हैl वर्तमान में आपका निवास एरिया न. ३ में मैथन डैम(धनबाद) के पास हैl झारखंड राज्य से सम्बन्ध रखने वाली खुशबू कुमारी ने 
गणित विषय से स्नातक की पढ़ाई की हैl लिखना आपकी पसंद का काम हैl 

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।