
जय जय महावीर भगवान।
सुनाते हम तेरा गुणगान।
हुई है भारत भूमि धन्य,
नमित है एक-एक इंसान।
लिए जब वर्धमान अवतार।
सजे थे घर-घर बंदनवार।
सुरभियां दसों दिशा फैली,
करी देवो ने जयजयकार।
हुआ निज गौरव पर अभिमान।
सुखों को छोड़, हुए त्यागी।
हृदय में ज्ञान ज्योति जागी।
तपस्या इस भूमि पर की,
यहां का कण-कण बड़भागी।
अपरिग्रह का फैलाया ज्ञान।
महाव्रत पांच हमें सौपे।
दया के बीज हृदय रोपे।
मालिनता मन से मिट जाए,
प्रभु बस तेरा ही हो के।
मुक्ति का मार्ग किया आसान।
धर्म दस हमको सिखलाए।
सूत्र जीवन के दिखलाएं।
प्रखर संयम का व्रत लेकर
जितेंद्रिय जग में कहलाए,
सिखाया अनुपम केवलज्ञान।
प्रभु करुणा की सुनो पुकार,
करे जन जीवन हाहाकार।
शूल पर सोई मानवता,
प्रभु फिर से ले लो अवतार।।
सुने कवि धीरज का आव्हान।
धीरेंद्र कुमार जोशी
महू, इंदौर
परिचय :-
नाम – धीरेन्द्र कुमार जोशी
जन्मतिथि ~ १५/०७/१९६२
जन्म स्थान ~ महू ज़िला इन्दौर (म.प्र.)
भाषा ज्ञान ~ हिन्दी, अंग्रेज़ी, उर्दू, संस्कृत
शिक्षा ~ एम. एससी.(Zoology)एम.एड.(Educational Management)
कार्यक्षेत्र ~ व्याख्याता ,जीव विज्ञान
सामाजिक गतिविधि ~ मार्गदर्शन और प्रेरणा, सामाजिक कुरीतियों और अंधविश्वास के प्रति जन जागरण। वैज्ञानिक चेतना बढ़ाना।
लेखन विधा ~ कविता, गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, दोहे तथा लघुकथा, कहानी, नाटक, आलेख आदि। छात्रों में सामान्य ज्ञान और पर्यावरण चेतना का प्रसार।
प्रकाशन:- काव्य संग्रह छू लो तुम आकाश हाल ही में प्रकाशित ~ नईदुनिया,लोकमत दैनिकभास्कर,पत्रिका,हरियाणा प्रदीप, इन्दौर समाचार सहित विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित, आकाशवाणी, दूरदर्शन से प्रसारण।
प्राप्त सम्मान-पुरस्कार ~ शासन द्वारा एवं विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थानों द्वारा अनेकानेक सम्मान व अलंकरण प्राप्त हुए हैं।
विशेष उपलब्धि ~ विज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में राज्यस्तरीय प्रशिक्षक।