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भाग-१……..
वो घर की रौनक है एक अनोखी अलबेली है,
वो मेरे घर टॉफी वाली मीठी-मीठी जेली है।
रोज देख-देख जिसको दिन अच्छा-सा हो जाता है,
वो एक लड़की दीदी-भाभी-मम्मी और सहेली है॥
वो खिलखिलाती-सी मेरे आँगन में हरदम खेली है,
सुख हो या हो दुःख हर परिस्थिति को झेली है।
आदर्श बताए तुम हो क्या एक चारदीवारी के,
वो मेरे घर की रक्षा बंधन,दीवाली और होली है॥
#आदर्श जायसवाल
परिचय: आदर्श जायसवाल का जन्म १४ जुलाई १९९६ को प्रतापगढ़ के बिहारगंज में हुआ है। आप उत्तर प्रदेश के शहर प्रतापगढ़ में ही रहते हैं। वर्तमान में बी.ए. के छात्र होकर सामाजिक क्षेत्र में अपने समाज के मीडिया प्रभारी हैं। विधा-कविता है। ब्लॉग पर भी लिखते हैं। इनके लेखन का उद्देश्य अच्छा कवि बनकर समाज को जागरुक करना है।
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