क्या आज़ादी पाई है हमने, क्या शहादत पाई है हमने, अब न फिक्र होगा माँ तुम्हे, मेरे सरहद पे लड़ने पर, अब न फिक्र होगी संगिनी तुम्हे, मेरे घर न आने पर, अब न फिक्र करना बहना, तेरा भाई अब अलविदा कह गया है, अब न फिक्र करना बच्चे मेरे, […]

मासूम सी कली थी, थोड़ी सी ही खिली थी, की अचानक एक हाथ बढ़ा, जो उसे कुचलने निकला, तब एक चीख निकली थी, पर किसी ने न सुनी थी। फिर वो थोड़ी और खिली, थोड़ी और हुई बड़ी, जमाने मे जब रखा कदम, उसकी महक से खिला संसार हरदम, पर, […]

धूप देता है, छाँव करता है, सूरज, हर सुबह उगता है, न ही किसी से उम्मीद, न ही किसी से कोई मांग, उगता है रोज वो, करता रहता है अपना काम, गजब की आग है उसमे, जलता है वो बहूत निराला, पर चमकता भी है वही है, जिसमे भड़कती है […]

क्या कहूँ, क्या न कहूँ, झूठा है हर शान, देश मे हिंदू मुस्लिम की जंग, और कहता भारत महान, देश मे लोग लोगो के दुश्मन, फिर भी देश महान, धर्म के नाम पर करते दंगे, अल्लाह राम में करते पंगे, ये है हमारा हिंदुस्तान। बिक चुके है लोग, बिक चुकी […]

ये है एक ऐसी दुनिया , जहाँ बुझाई जाती है बेटीयाँ , कमजोर समझी जाती है बेटीयाँ, सताई जाती है बेटीयाँ , रात अकेले नही चल सकती बेटीयाँ , और कहते है , भारत की शान है बेटीयाँ !! हर दिन एक रूह खोती है , हर दिन एक हँसी […]

एक राखी का बंधन , उन भाइयों के नाम , जिन्होंने दिलाया , देश को ऊँचा आयाम , एक राखी देश की ओर से , जिन्होंने किया है रक्षा , देश के हर छोर से , एक राखी उन शहीदों के नाम , जो मर मिटे देश की रक्षा में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।