कोहरा

1
0 0
Read Time1 Minute, 15 Second
tara prajapat
अलसाया-सा सूरज
ढांक  के मुख
सो रहा है,
बादलों की गोद में
भोर ने जो रखा पांव,
धरा के मखमली
सीने पर
ओस की बूंदों ने
चूमा उनको,
चारों तरफ
कुछ भी
दिखाई नहीं देता,
दूर तक
जिधर भी देखो
एक धुंधलका-सा है,
 मौसम में ठिठुरन
और हवाओं में भी
हल्की-सी नमी है,
प्रकृति का
अनुपम दृश्य
अनुभूति कराता है
कि आज
कोहरे ने दूर तक,
तानी है अपनी चादर।
                                                 #तारा प्रजापत ‘प्रीत’
परिचय: तारा प्रजापत ‘प्रीत’ का घर परम्पराओं के खास धनी राज्य राजस्थान के जोधपुर स्थित रातानाड़ामें है। आपकी जन्मतिथि-१ जून १९५७ और जन्म-स्थान भी जोधपुर(राज.) ही है। बी.ए. शिक्षित तारा प्रजापत का कार्यक्षेत्र-गृहस्थी है। पत्रिकाओं और दो पुस्तकों में आपकी रचनाएँ प्रकाशित हुई है तो अन्य माध्यमों में भी प्रसारित हैं। लेखन का उद्देश्य अभी तक तो शौक ही है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

One thought on “कोहरा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

वादी से रिसता प्रेम का कहवा...

Mon Dec 4 , 2017
संस्मरण #डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’   जब भी प्रेम के गीतों का बखान होगा,ज़ाफरान की तासीर का तरन्नुम बनेगा, कश्यप की धरती का गुणगान होगा, शंकराचार्य की जुबानी कही जाएगी, लालचौक से क्रांतिसूत्र माँगा जाएगा, डल झील से टपकते पानी की बात होगी, शिकारों और तैरनेवाले घर (हॉउस बोट) की […]
arpan jain avichal

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।