तुम सब जानती हो,में कैसा हूँ, कँहा हूँ, अधरों में छुपी बातों को भी तुम जानती हो कि मैं कैसा हूँ, कँहा हूँ।। मेरे बिना कहे समझ भी लेती हो,पढ़ लेती हो, यही तो है तेरा प्यार मेरे लिए कि बिना कहे सब कुछ समझ लेती हो, जो जोड़े रखता […]

क्या रोक पाएगी, विपरीत प्रकृति भी उस जरूरतमंद को? जिसका हौंसला उसकी जरूरत और, लक्ष्य रोटी हो। कहाँ सो पाएगा, वो ठंड से बचने के लिए गर्म रजाई में जब आँगन में चूल्हा ठंडा हो ? कैसे लेगा वो बरसात का आनन्द, जब रात को टपकता है टूटा छप्पर ? […]

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अलसाया-सा सूरज ढांक  के मुख सो रहा है, बादलों की गोद में भोर ने जो रखा पांव, धरा के मखमली सीने पर ओस की बूंदों ने चूमा उनको, चारों तरफ कुछ भी दिखाई नहीं देता, दूर तक जिधर भी देखो एक धुंधलका-सा है,  मौसम में ठिठुरन और हवाओं में भी […]

(बाल-दिवस विशेष) न जाने कहाँ खो गया, बच्चों का बचपन। न जाने कहाँ से आ गया, बच्चों में बड़प्पन ? हैलो हाय के चक्कर में, भूल गए करना नमन। ईश्वर का दर्शन नहीं करते, करते हैं सदा दूरदर्शन। गुड मॉर्निंग उठते ही कहते, करते नहीं अब अभिनंदन। बुजर्गों के संस्कार […]

आ ही जाता है,दिल जिस पर आने को है, ये ख़बर तो हो गई,इस ज़माने को है। जान कर भी बनते हैं अंजान वो, हर ख़बर दिल की मेरे दीवाने को है। सब्र का मेरे न यूँ इम्तहान न लो, बेक़रारी अब हद से बढ़ जाने को है। बन्द दरवाजे […]

प्रेम समर्पण है, अधिकार नहीं। प्रेम पावनता है, वासना नहीं। प्रेम शक्ति है, कमज़ोरी नहीं। प्रेम त्याग है, स्वार्थ नहीं। प्रेम तृप्ति है, प्यास नहीं। प्रेम शीतल है, ताप नहीं। प्रेम छाँव है, धूप नहीं। प्रेम विश्वास है, फ़रेब नहीं। प्रेम व्यापक है, संकुचित नहीं। प्रेम गंम्भीर सागर है, चंचल […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।