स्कूली शिक्षा बारहमासी

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dashrath
पन्द्रह जून को सदा, शाला उत्सव जान।
माथे तिलक लगाइए,शारद का हो गान॥
पुस्तक दीजे हाथ में,खीर-पूरी भी साथ।
गुरु-शिष्य मिल बांचिए,ले के पुस्तक हाथ॥
मास जुलाई लागते,गणवेशा सिलवाय।
काम पूरा कीजिए, कहते हैं  कविराय॥
मास अगस्ता मध्य में,लो झंडा फहराय।
खीर-पूरी का भोज दे,सभी पेट भर खाय॥
सितंबरा में सायकल, देना तुम बँटवाय।
समग्र-आधार योजना,सही-सही लिखवाय॥
अक्टूबर के माह में,स्वच्छता अभियान।
मास नवम्बर छात्रवति,कहते कवि मसान॥
दिसम्बरा के अंत में, प्रतिभा पर्व महान।
जनवरी गणतंत्र दिवस,करे राष्ट्र सम्मान॥
फरवरी के आखरी, पूरे हो सब पाठ।
मार्च परीक्षा लीजिए,मर्यादा के साथ॥
अप्रैल माह में सदा,ऑडिट लो करवाय।
परिणाम भी पूरा करो,सबको दो सुनवाय॥
आरटीई कानून का,सदा करो सम्मान।
बलिहारी गुरु आपकी,सोलह आना पास॥
मई महीना ग्रीष्म का,सर्वे घर-घर आन।
बारह मासी गाइए,कहते कवि मसान॥
                                                     #डाॅ. दशरथ मसानिया

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