परिचय: नमन जैन ‘अद्वितीय’ की आयु १८ वर्ष है,और लेखन अवधि १० माह है।बी.काॅम. में अध्ययनरत नमन उत्तर प्रदेश के शामली स्थित खेडी करमू में रहते हैं। आपकी रुचि काव्य लेखन में है।
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मनहरण घनाक्षरी……
उस नेता को भुला के नेता सभी कहते हैं,
कैसे याद करुं उसे,हमें भी तो सोना था।
भारती करे विलाप, शहीदों की लाश पर,
मंत्रियों की लाश बिछे, उस पे क्या रोना था॥
सोई जनता के स्वाभिमान को जगाता गया,
देशभक्त एक-एक सुभाष-सा होना था।
युद्ध अपराधी जिसे कहा राजनीति ने भी,
उनको तो भारत का राष्ट्र पिता होना था॥
#नमन जैन ‘अद्वितीय’
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2 thoughts on “सुभाष-सा होना था…”
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विद्या
Nice lines
आभार मान्यवर