जंग लगे आईने में अक्स देखता हूँ अंदाज देखता हूँ तस्वीर धुंधली दिखती है पर दिखती तो है… बूढ़ा आईना भी… अपना काम करता है ताज्जुब है… समय की लकीरों से… आबोहवा से… आईनों के बदल गये है … स्वरूप… आधुनिकता का रंग… चढ़ गया है… लेकिन… आईना है आखिर […]
अनुभूति हुई है रात के सवा तीन बजे चांद आधा है… आसमान में तारे चुप है… वो दूर खडे़ दो टावर… जिन पर कोई लाल रंग की लाइट नहीं लगी है घर की छत से… धुंधले दिखाई पड़ रहे हैं… पास वाली गली में… एक बैल… ऊंघ रहा है… वो […]
रौशनदान से देखो हलचल बाहर की… कोई बहार का टुकड़ा… इधर आया है झूम रहा है अंबर कलरव कर रहे खग कोयल कूक सुहानी हवा मस्तानी बरखा की बूंदे रिमझिम हरितिमा फैली पंख फैला रहे पक्षी झूम रहे कलकल बहती नदियां वो पहाड़ भीग रहा है भीग रही वो झोपड़ी […]
अनगिनत कविताएं लिख रहा हूँ हर तरफ शोर मचता है आलोचना का शिकार होना पड़ता है वाह वाही भी खूब मिलती है लेकिन कमियां ज्यादा निकाली जाती है ताल,लय,छंंद, मात्राओंं से परे…. लेकिन.. प्रकट करता हूँ.. हृदय स्पंंदित होता है… भाव है बस मेरे पास… यूूं ही उमड़ पड़ते है […]
इस दीवाली तुम भी तो मिट्टी के दीप जलाना। कुम्हार के मेहनतकश हाथों की रौनक बढ़ाना॥ मिट्टी के दीपों में बाती तेल की खुशबू , दीवाली की रंगत बढ़ाएगी। दीए बेचने वाली बूढ़ी अम्मा,आशीर्वाद हाथ तभी लहराएगी॥ इस दीवाली तुम भी तो मिट्टी…। चाइनीज लड़ियों में कृत्रिमता भरी पड़ी है। […]
हुआ पतन है संस्कारों का क्रोध बहुत अब आता है। पाखण्डी को देख-देखकर धर्म खड़ा शर्माता है॥ बेच चुके निज आन-बान को,धर्म बेचने वाले हैं। गन्दी मछली के कारण अब नीरकुंड भी नाले हैं॥ हम तो समझा करते थे कि धर्म बचाने आएंगे। पता नहीं,आभास नहीं था इसे बेचकर खाएंगे॥ […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।