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काली-काली घटाएँ,
झूमकर यूँ लहरा गईं
ज्यों तेरी नागिन-सी
लहराती बलखाती
जुल्फ औ’ अलक
आसमां के दामन से,
बूंदन का टपकना ज्यों
काली कजरारी अँखियन
से अँसूअन से मोती
घन गर्जन बीच
दामिनी चमके ज्यूं
रक्तिम अधर बीच
मोतियन की पांत॥
#डॉ. नीलम
परिचय: राजस्थान राज्य के उदयपुर में डॉ. नीलम रहती हैं। ७ दिसम्बर १९५८ आपकी जन्म तारीख तथा जन्म स्थान उदयपुर (राजस्थान)ही है। हिन्दी में आपने पी-एच.डी. करके अजमेर शिक्षा विभाग को कार्यक्षेत्र बना रखा है। सामाजिक रुप से भा.वि.परिषद में सक्रिय और अध्यक्ष पद का दायित्व भार निभा रही हैं। आपकी विधा-अतुकांत कविता, अकविता, आशुकाव्य आदि है।
आपके अनुसार जब मन के भाव अक्षरों के मोती बन जाते हैं,तब शब्द-शब्द बना धड़कनों की डोर में पिरोना ही लिखने का उद्देश्य है।
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Wed Aug 23 , 2017
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