शहद प्यार का

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vijay gunjan
आज अपना वतन ही बेगाना हुआ,
हक़ की खातिर लड़े तो हर्जाना हुआ।
नाक नीचे से मुजरिम गुज़र चल गया,
घर निरपराध का ही निशाना हुआ।
पाक सदियों से जो था सदन अब तलक,
आज पाखंडियों का ठिकाना हुआ।
मेरे व्रण पर लवण नित छिड़कते रहे,
उफ़ ज़रा कर दिया तो बहाना हुआ।
न्याय पाने की उम्मीद में था चला,
भर उमर के लिए कैदखाना हुआ।
घोल ‘गुंजन’ गज़ल में शहद प्यार का,
कि चमन मुल्क़ का कातिलाना हुआ।
                                                                                      #विजय गुंजन
परिचय : बिहार राष्ट्रभाषा परिषद द्वारा साहित्यिक अवदान के लिए विजय गुंजन को पुरस्कृत किया जा चुका है। शंकरदयाल शर्मा स्मृति संस्थान द्वारा भी नवगीत रत्न सम्मान दिया गया था। आप बिहार राज्य के निवासी हैं। साथ ही बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में २०१४ में गीतकार के रूप में आरसी प्रसाद सिंह  सम्मान पत्र भी प्राप्त किया है। 

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।