उड़ानें ख़्वाब में हम भी बहुत ऊँची लगाते हैं मगर खुलती हैं जब आँखें तो वापस लौट आते हैं। यहाँ तो फूल गोभी ही अभी तक ला न पाया मैं न जाने लोग कैसे चाँद तारे तोड़ लाते हैं। टिकी हैं बाज की नजरें हमारी साग भाजी पर जहाँ सब […]

वे डंडे लेकर आये थे और टूट पड़े किसी निरीह पर क्योंकि वो मारना चाहते थे। और फिर घुस गए धार्मिक किताबों  की जिल्द में जिसके भीतर के सभी पन्ने दफना चुके थे वे पहले ही… कुछ और लोग जिन्होंने बना रखे थे नक्शे अपने-अपने राज्य के 1 मार्क्स, माओ […]

मातृ-भूमि की गोद में,है स्वर्गिक आनन्द। जियें-मरें इसके लियें, रच लें सुन्दर छन्द।।1।। इसके पूजन हेतु हम,तन-मन-धन ले सर्व। हम पैदा इस पर हुए, हमको  इसका  गर्व।।2।। अपनी भाषा में करें,हम इसका गुण-गान। इसका बढ़  जायगा, अपना  भी  सम्मान।।3।। अमृत सा जल पी रहे, चन्दन  सी  है  धूल। इसके  अर्चन  […]

लाया रखा अमावस को भी ताकत से उजियारे पर। सबका हिस्सा एक बराबर पुरखों के भुनसारे पर॥ बना नहीं मैं पाया सीमा विस्तारों पर, चला हुआ हूं,छांव खुशी की नहीं मिली है। मैं अभाव में ढला हुआ हूं॥ चोटी मिली बाप के दम से,बेटा खड़ा सहारे पर। व्यापक सोच-नजरिया बदले […]

जिंदगी कड़वी सही,शक्कर मिलाना आ गया, ज़ख़्म पर अब तो हमें मरहम लगाना आ गया। अब छले जाते नहीं हैं आदमी की ज़ात से, के नज़र को भी नज़र से आजमाना आ गया। इन अंधेरों मे गुजर जाती हमारी उम्र ही, देखकर दम जुगनुओं का झिलमिलाना आ गया। ले गया […]

दुनिया आप को माने उसके लिए, मेहनत से करना काम होता है…। न कि जबरदस्ती मानने के लिए, युद्ध को देना अंजाम होता है…। ये अलग बात है नसीब साथ नहीं देता, तो दिल लेना थाम होता है…। परिवार को दुख दे  कुछ हासिल नहीं, केवल जीवन हराम होता है…। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।