पापा शिक्षक…

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geeta baisala
प्यारे पापा,न्यारे पापा,
तुम शिक्षक अनमोल हमारे।
नन्हें-नन्हें कदमों को तुम चलना सिखलाते हो,
सूनी-सूनी आँखों में तुम नए ख्वाब जगाते हो,
प्यारे पापा,न्यारे पापा,
तुम शिक्षक अनमोल हमारे॥
गिरकर उठना,उठकर चलना..
तुम सिखलाते हो,
खेल-खेल में पापा मेरे ,
कैसे पाठ पढ़ाते हो?
प्यारे पापा,न्यारे पापा,
तुम शिक्षक अनमोल हमारे॥
संरक्षित कर हमेशा सदा,
खुद तकलीफ़ उठाते हो,
दुःख-सुख में कैसे जीना है?
यह तुम सिखलाते हो,
प्यारे पापा,न्यारे पापा,
तुम शिक्षक अनमोल हमारे॥
स्वाभिमान से जीना तुमने सिखाया,
‘गीता’ को तुम बहुत याद आते हो।
प्यारे पापा,न्यारे पापा,
तुम शिक्षक अनमोल हमारे॥
परिचय : श्रीमती गीता बैसला ने एमएससी और बीएड की शिक्षा हासिल की है और सम्प्रति से  अध्यापक हैं। वर्तमान में आप मध्यप्रदेश के कालापीपल मंडी (जिला शाजापुर) की निवासी हैं,जबकि स्थाई रुप से नई दिल्ली(पालम) की हैं। रुचि लेखन कार्य, कविता,पुस्तकें पढ़ने में है। आपको हिन्दी सेवा समिति द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। विविध पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लिखी रचनाओं को निरंतर स्थान मिलता रहता है।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।