कलम की सुगंध छंदशाला पर गुरू पूर्णिमा के अवसर पर विशेष काव्य सम्मेलन संपन्न

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गुरुपूर्णिमा की संध्या पर कलम की सुगंध
छंदशाला परिवार के द्वारा आनलाइन काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया ।कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थापक आदरणीय संजय कौशिक विज्ञात जी,मुख्य अतिथि बाबूलाल शर्मा ‘विज्ञ’ और विशिष्ट अतिथि सीमा अवस्थी रही ।
मंच संचालन अर्चना पाठक निरन्तर और इन्द्राणी साहू साँची ने की । पूनम दुबे ‘वीणा ‘ ने अपनी कोकिला कंठ से माँ वीणा पाणि वंदन और अतिथियों के लिए अभिनंदन गीत प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में देश के कोने कोने से लगभग पचास साहित्यकार उपस्थित रहे, जो अपने -अपने गुरुदेव जी को याद करते हुए उनके स्वागत में उन्हें हृदय तल से सम्मान देते हुए मनमोहक और मधुर आवाज़ में गीत, गजल और छंद में काव्य पाठ प्रस्तुत करते हुए गुरु पूर्णिमा के इस पावन अवसर को एक महोत्सव के रूप में मनाये ।
कार्यक्रम में डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”, वाणी बरठाकुर ‘विभा’, सुशीला साहू”विद्या”, डॉ ओमकार साहू मृदुल, डॉ संध्या सूफ़ी,गायत्री शर्मा,चंद्र किरण शर्मा,डॉ सीमा अवस्थी,आरती श्रीवास्तव विपुला,मधु गुप्ता महक,अलका जैन आनंदी, लीशा पटेल,सन्तोष कुमार ‘माधव’ महोबा(उ.प्र.), परमजीत सिंह कोविद, रजनी गुप्ता ‘पूनम चंद्रिका’ लखनऊ से,कवि अशोक गोयल पिलखुवा, हेमलता राजेंद्र शर्मा मध्य प्रदेश से, डॉ. दीक्षा चौबे ,-प्रमिला पान्डेय कानपुर, सुधा शर्मा राजिम, रीना गुप्ता श्रुति,राधा तिवारी “राधेगोपाल”,भावना शिवहरे ,तरंगिणी , गीता विश्वकर्मा नेह ,
डॉ श्रीमती कमल वर्मा जी,शिशुपाल गुप्ता “विद्यांश”,सुजाता प्रिय ‘समृद्धि,’. बिंदु प्रसाद रिद्धिमा, सिध्देश्वरी सराफ ‘शीलू ‘जबलपुर, डॉ एन के सेठी, पूनम शर्मा स्नेहिल,इन्द्राणी साहू”साँची” जी,अर्चना पाठक निरंतर जी,धनेश्वरी सोनी गुल, कमल किशोर ” कमल”
हमीरपुर बुन्देलखण्ड से केवरा यदु”मीरा “,
मनसा शुक्ला जी, चमेली कुर्रे ‘सुवासिता’ उपस्थित रहे ।
अंत में मंच संचालिका अनिता मंदिलवार सपना जी ने इस कार्यक्रम में आये हुए अतिथियों और साहित्यकारों तथा सुंदर और सफ़ल कार्यक्रम के लिए अपने मधुर आवाज़ में सभी का आभार व्यक्त की । संस्थापक आदरणीय गुरूदेव संजय कौशिक विज्ञात जी ने सभी को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आशीष प्रदान किये ।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।