Read Time1 Minute, 20 Second
इतनी खुशियाँ बरसे रिमझिम,
आँगन तेरा भर जाये,
चाँद-सितारे झूम के नाचे,
आँगन तेरा भर जाये।।
क्या चंपा, क्या जूही,बेला,
रात की रानी छा जाये,
गुलमोहर भी झूम के नाचे,
आँगन तेरा भर जाये।।
क्या टेसू,क्या पीली सरसों,
आम की बौरें छा जायें,
रंग,गुलाल की फुहार बरसे,
आँगन तेरा भर जाये।।
हम सब करते यही प्रार्थना,
ईश्वर की कृपा बनी रहे,
ऋद्धि-सिद्धि भी झूम के नाचे,
आँगन तेरा भर जाये।।
#श्रीमती साधना छिरोल्या
दमोह (म.प्र.)
सम्मान- भाषण,नाटक,वाद विवाद,श्लोक,सुलेख,लोकगीत आदि विभिन्न प्रतियोगिताओं में पुरुस्कार।
गहोई समाज एवं हितकारिणी स्कूल जबलपुर द्वारा हिंदी काव्य लेखन के लिये सम्मानित।
प्रकाशन-गहोई सूर्य अख़बार जबलपुर
गहोई संस्कार पत्रिका जबलपुर(म.प्र.)
गहोई बंधु
ग्वालियर(म.प्र.)
लोकजंग
लगातार प्रकाशित हो रहीं हैं।
Post Views:
486
Sun Oct 14 , 2018
भले ही बढ़ गई तोंद हमारी,और झड़ गए बाल है,, है लेकिन अपनी भी एक राधा, जिसके हम घनश्याम है,, जिन नैनों से कभी तीर थे चलते, उनपे चश्में का पहरा है,, जिन जुल्फों पे लोग थे मरते, अब उनका रंग सुनहरा है,, फैशन से है नाता तोड़ा, कोई ना […]