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रिश्तों का बंधन
कही छूट न जाये।
और डोर रिश्तों की
कही टूट न जाये।
रिश्ते होते है बहुत
जीवन में अनमोल।
इसलिए बीड़ी सिगरेट
का करे त्याग ।।
धूम्र पान जो करते है
उनका जीवन बदल जाता है।
स्वस्थ्य इंसान भी बीमार
होने लगता है।
और तब धर का महौल
पूरा बदल जाता है।
धर की सुख शांति
भी भंग होने लगती है।।
जीवन की डोर
बहुत नाजुक होती है।
जो किसी भी समय
टूट सकती है।
इसलिए संजय कहता है
धूम्र पान का करे निषेध।
और धर परिवार में
सुख शांति लाये।।
जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन (मुम्बई)
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