मधुशाला

0 0
Read Time1 Minute, 13 Second

लॉकडाउन की नगरी में,
रंगीन हुई मधुशाला है।
समझ हमें ना आता कुछ ,
ये कैसा गड़बड़झाला है।

स्कूल कॉलेज बन्द पड़े,
दुकानों में लगा ताला है।
आफत के इस मौसम में,
फलफूल रही मधुशाला है।

कर रहे शराबी बल्ले बल्ले,
ठेकेदारों का बोलबाला है।
खुशी देखकर इन दोनों की,
मुस्करा रही मधुशाला है।

जिनके बीबी और बच्चों को,
मिला ना कबसे निवाला है।
पर नशे की आग बुझाने को,
पीनी इनको मधुशाला है।

लगीं कतारें लम्बी लम्बी,
जैसे अमृत बटने वाला है।
अपने चाहने वालों को,
खुश रखती मधुशाला है।

क्या दिन क्या रात है इसकी,
इसमें पड़े कभी ना ताला है।
हो चाहे भीषण गर्मी ,बरसात,
चाहे पड़े जोर का पाला है।

कानून नियम ताक पर कर,
सरकारों ने गजब कर डाला है।
ना जाने क्यों जिम्मेदारों ने,
मधुशाला को पहनाई माला है?

स्वरचित
सपना (सo अo)
प्राoविo-उजीतीपुर
विoखo-भाग्यनगर
जनपद-औरैया

matruadmin

Next Post

लडकियों को तहजीब सीखाएं- मायके पक्ष

Tue May 18 , 2021
हमारे सनातन धर्म में कहा गया है लड़की का सुहागन होना और ससुराल में होना शुभ है ,और संस्कारिक मर्यादा भी।लेकिन आज कल के माॅम डैड ने इसे वर्बाद कर रखा है।सबसे ज्यादा विकट स्थिति का माध्यम फोन का घंटो तक आदान प्रदान होना।जिस किसी घर में ऐसी बीमारी लगी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।