
भक्ति में शक्ति बहुत है,
भक्तों की सुनते है पुकार।
दुनियाँ के पालन हारी,
करते है कृपा तुमसब पर।।
जयबोलो जयबोलो जयबोलो,
आचार्यश्री की जय बोलो।।
जो पूर्व में है पूर्व वाले,
पश्चिम वाले उन्हें नमन करे।
देख ये उत्तर और दक्षिण वाले,
भक्ति रस का आनदं ले,
भक्ति रस का आनदं ले।
भक्तोंकी भक्ति पर कृपा करते,
दुनियाँ के पालन हारी,
दुनियाँ के पालन हारी।।
भक्ति में शक्ति बहुत है,
भक्तों की सुनते है पुकार।
कलयुग के भगवान ने हमे,
कितने ज्ञानी मुनिश्री दिये।
जो चारो दिशाओं में घूमकर,
जैनधर्म की पताका फेहरा रहे,
धर्म की पताका फेहरा रहे।।
भक्ति में शक्ति बहुत है,
भक्तों की सुनते है पुकार।
जयबोलो जयबोलो जयबोलो,
आचार्यश्री की जय बोलो।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।