मानव जीवन

0 0
Read Time41 Second

मानव जीवन की राहों मे
इंसानियत का मिलना
अच्छे समय की पहचान है
इंसानियत को आगे बढ़ाना
अच्छेपन की पहचान है
अच्छो का साथ निभाना
मानवीय सफलता की जान है
यह सब तभी होता है
जब परमात्मा को हम जान लेंगे
बदलते समय को पहचान लेंगे
यही अच्छे विचारो का प्रमाण है
सत्यता ही इसकी पहचान है
प्रेम की अभिव्यक्ति हो या
मन बुद्धि संस्कारो की समानता
अपनत्व का बोध कराती है
गैर को अपना बनाती है।
#श्री गोपाल नारसन

matruadmin

Next Post

शहीद दिवस

Tue Mar 23 , 2021
आज शहीद दिवस है,करते उनको हम नमन। देश की आजादी के लिए सहे उन्होंने सब दमन।। लगे हर वर्ष शहीदों की चिताओं पर अनेक मेले। चाहे जितनी कठिनाई हो,चाहे जितने हो झमेले।। लटक गए फांसी के फंदे पर,जरा भी उफ न की थी। मातृ भूमि की रक्षा के लिए जान […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।