हर जन्म में मिलाना मुझसे

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कर जोड़ कर रहा हूँ अरदास यह विधाता।
हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।।
माँ-सा सुघड़ सलोना संसार में न दूजा।
भगवान तुमसे पहले माँ की करूँगा पूजा।
माँ ही गुरु है गोविंद सबसे अटूट नाता।
हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।।
सर्दी में गीले बिस्तर पर खुद जो कंपकपाती।
अपने जिगर के टुकड़े को अंक में सुलाती।।
बच्चे कपूत हों पर माता नहीं  कुमाता।
हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।।
बचपन में थी गरीबी खाने को भी थे लाले।
कहना बहुत है मुश्किल कैसे मिले निवाले।।
हूँ कर्जदार उसका शब्दों से कह न पाता।
हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।।
जो गलतियों को मेरी हर रोज थी छिपाती।
भरपेट खाने पर भी कुछ और थी खिलाती।।
वो पास ना हमारे बलिहार उस पे जाता।
हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।।
शब्दों में माँ की महिमा है कौन लिखने वाला।
माता की उपमा तुलना है कौन करने वाला।।
माँ सामने जो हो तो सन्ताप भाग जाता।
हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।।

#आशुकवि नीरज अवस्थी

परिचय : आशुकवि नीरज अवस्थी का जन्म 1970 में हुआ है।परास्नातक (राजनीति शास्त्र)और तकनीकी शिक्षा (आईटीआई- इलेक्ट्रीशियन) हासिल कर चुके श्री अवस्थी विद्युत अभियंत्रण सेवा में सेवारत हैं। पत्नी श्रीमती रचना अवस्थी के साथ मिलकर साहित्यिक गतिविधियां और अन्य कार्य करते हैं।यह ‘सुधार सन्देश’ साप्ताहिक समाचार-पत्र का संपादन निभाते हुए ‘रंगोली पत्रिका’ का प्रकाशन करने के साथ ही स्वतंत्र पत्रकारिता भी करते हैं। विभिन्न साहित्यक पत्र-पत्रिकाओं में निरन्तर कविताएँ प्रकाशित होती हैं।आपको दैनिक जागरण,अखिल भारतीय हिन्दी काव्य परिषद,आरम्भ,प्रयास तथा सौजन्या आदि संस्थाओं से कई सम्मान प्राप्त किए हैं।राष्ट्रीय स्तर के मंचों से भी काव्य पाठ करके सम्मान प्राप्त किया है। आप निरंतर सोशल नेटवर्किंग साइटों पर सक्रिय हैं,इसलिए इनसे भी साहित्यिक सम्मान प्राप्त किए हैं। लखीमपुर, खीरी (उ0प्र0262722) में वर्तमान में आप हिन्दी की सेवा के साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य के सामाजिक कार्यो हेतु लगातार सक्रिय हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।