#आशुकवि नीरज अवस्थी
परिचय : आशुकवि नीरज अवस्थी का जन्म 1970 में हुआ है।परास्नातक (राजनीति शास्त्र)और तकनीकी शिक्षा (आईटीआई- इलेक्ट्रीशियन) हासिल कर चुके श्री अवस्थी विद्युत अभियंत्रण सेवा में सेवारत हैं। पत्नी श्रीमती रचना अवस्थी के साथ मिलकर साहित्यिक गतिविधियां और अन्य कार्य करते हैं।यह ‘सुधार सन्देश’ साप्ताहिक समाचार-पत्र का संपादन निभाते हुए ‘रंगोली पत्रिका’ का प्रकाशन करने के साथ ही स्वतंत्र पत्रकारिता भी करते हैं। विभिन्न साहित्यक पत्र-पत्रिकाओं में निरन्तर कविताएँ प्रकाशित होती हैं।आपको दैनिक जागरण,अखिल भारतीय हिन्दी काव्य परिषद,आरम्भ,प्रयास तथा सौजन्या आदि संस्थाओं से कई सम्मान प्राप्त किए हैं।राष्ट्रीय स्तर के मंचों से भी काव्य पाठ करके सम्मान प्राप्त किया है। आप निरंतर सोशल नेटवर्किंग साइटों पर सक्रिय हैं,इसलिए इनसे भी साहित्यिक सम्मान प्राप्त किए हैं। लखीमपुर, खीरी (उ0प्र0262722) में वर्तमान में आप हिन्दी की सेवा के साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य के सामाजिक कार्यो हेतु लगातार सक्रिय हैं।
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कर जोड़ कर रहा हूँ अरदास यह विधाता।
हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।।
माँ-सा सुघड़ सलोना संसार में न दूजा।
भगवान तुमसे पहले माँ की करूँगा पूजा।
माँ ही गुरु है गोविंद सबसे अटूट नाता।
हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।।
सर्दी में गीले बिस्तर पर खुद जो कंपकपाती।
अपने जिगर के टुकड़े को अंक में सुलाती।।
बच्चे कपूत हों पर माता नहीं कुमाता।
हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।।
बचपन में थी गरीबी खाने को भी थे लाले।
कहना बहुत है मुश्किल कैसे मिले निवाले।।
हूँ कर्जदार उसका शब्दों से कह न पाता।
हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।।
जो गलतियों को मेरी हर रोज थी छिपाती।
भरपेट खाने पर भी कुछ और थी खिलाती।।
वो पास ना हमारे बलिहार उस पे जाता।
हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।।
शब्दों में माँ की महिमा है कौन लिखने वाला।
माता की उपमा तुलना है कौन करने वाला।।
माँ सामने जो हो तो सन्ताप भाग जाता।
हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।।