राजनीति शब्द मुझे व्यक्तिगत रूप से अप्रिय है, कोई मुझसे कहे कि इसका नया नामकरण यदि किया जाय तो कौन सा नाम अच्छा रहेगा तो मेरा सुझाव रहेगा “व्यवस्थानीति”।। क्योंकि राजनीति शब्द से राज करने की मानसिकता की बू आती है जो कहीं न कहीं शोषण करने की प्रवृत्ति को […]

सुबह सुबह तुम श्रंगार सजा कर, कोमल फूलों को क्यों चुनती हो। शुर्ख गुलाबी साड़ी में तुम युवती, फूलों से ज्यादा कोमल लगती हो। सँभल सँभल कर तुम चुनना , इन नन्हे नन्हे कोमल फूलों को। पौधा भी जलता तुमसे सोना, ध्यान तुम्हें है रखना आहत न हो। एक बात […]

दुनिया के खिलौने बच्चों हित,बच्चे हम सबके खिलौने हैं, उम्मीद उड़ानें अम्बर तक,दिखने में कितने बौने हैं। जिनकी किलकारी सुनने को,हम कान उटेरे रहते हैं, ईश्वर का अंश झलकता है,यह नीरज नयना कहते हैं। सागर-सा प्यार उमड़ता है,बेऔलादों के भी उर में, सब सुख-सुविधा झूठी लगती हैं,बिन औलादों के घर […]

इस नफरत के दौर में मैं अब शराफत कहाँ से लाऊँ, हर मुनाफे की खातिर मैं अब मिलावट कहाँ से लाऊँ। कैसे संभलूँ इस बेकार और झूठी दुनिया में मैं यारों, इन नापाक अदाओं में मैं अपनी अदावत कहाँ से लाऊँ। इस फरेबी ज़माने में,मैं बचपन की शरारत कहाँ से […]

कर जोड़ कर रहा हूँ अरदास यह विधाता। हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।। माँ-सा सुघड़ सलोना संसार में न दूजा। भगवान तुमसे पहले माँ की करूँगा पूजा। माँ ही गुरु है गोविंद सबसे अटूट नाता। हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।। सर्दी में गीले बिस्तर पर खुद […]

नीरज अवस्थी   ऊपर जिसका अंत नहीं हो, उसे आसमां कहते हैं, ममता क्षमा दया अनन्त हो, उसको ही माँ कहते हैं..। घटित हुई हो जो घटनाएँ, उसे दास्ताँ कहते हैं, दुख सहकर सुख देती है जो, उसको ही माँ कहते हैं..। धीर-वीर गंभीर किसी से कभी, नहीं कुछ कहती […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।