चिंकी हाथी सूंड में रंगों भरा पानी भर लाया। कालू बंदर बिना कुछ समझे उसके पास आया।। चिंकी फिर जैसे ही शरारत भरी मुस्कान मुस्काया। तब कहीं जाकर कालू को कुछ समझ आया।। चिंकी ने जैसे ही अपनी सूंड उसकी और बढ़ाई। कालू ने जोर से छलाँग लगाकर अपनी जान […]

उम्मीदों की चादर में कई सपने दफ्न हो गए। जिन वृक्षो से की थी छाया की उम्मीदे,वो छाया पतझड़ आने पर खुद ही कहीं गायब हो गयी।। जीवन के गुजरते पलो में अक्सर ऐसा हुआ। शुखे मुरझाये वृक्षो से भी कई बार ठंडी हवाओं का अनुभव हुआ , शायद गिर […]

नई स्कूटी लेकर आया राजू भालू, उसका दोस्त चिम्पू बंदर है बहुत चालू। मीठी बातो से राजू को बहकाता, रोज उसकी स्कूटी मजे से चलाता।। एक दिन चिम्पू का चौराहे पर कटा चालान, बिन हैलमेट पहने स्कूटी चलाता सीना तान, करी बहुत मिन्नते मिट्ठू तोता हवलदार की, पर फिर भी […]

कुछ सपने जीवन में ऐसे थे,जो अधूरे रह गए। जैसे किताबो के पन्ने बिना पढ़े ही मुड़े रह गए।। सपने ऐसे भी थे जो पूरा होने के लिए मुझ से लड़ गए। जैसे किताबो के मुड़े पन्ने हवाओ से खुद ही खुल गए।। हर एक अपने अपने तरीके से मेरा […]

धरती है तप्ती,प्यासे है पंछी, आसमाँ की गोद भी सूनी है। गर्म हवाओं से मुरझाए चेहरों की आसमाँ से उम्मीद दूनी है। धरती के हर प्राणी ने प्रभु से बस  एक  ही  आश  बुनी  है। बरसे बादल जोर से कुछ ऐसे, कि  हर  किसान  की  फसल लगे,चली आकाश को छूनी […]

अंकुर बड़ी तेजी से अपने घर की तरफ अपनी कार को दौड़ाता हुआ जा रहा था पता नहीं उसके मोबाइल पर घर से क्या खबर आई और वह अचानक अपने ऑफिस से निकला और घर पहुंचने की जल्दी में कार को तेजी से दौड़ाया।         घर पहुंचकर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।