अब विदाई की घड़ी आई। बेटी हो रही है पराई।। भीगी आँखें आँगन सूना। माँ का दुख बढ़ता है दूना।। सुंदर तेरा रूप सलोना। तेरे बिन सूना हर कोना।। माँ की बातें सदा सँजोना। पिया के संग खुश ही होना।। तेरी बातें याद करूँगी। सारा जीवन खुशी रहूँगी।। मायके की […]

कर जोड़ कर रहा हूँ अरदास यह विधाता। हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।। माँ-सा सुघड़ सलोना संसार में न दूजा। भगवान तुमसे पहले माँ की करूँगा पूजा। माँ ही गुरु है गोविंद सबसे अटूट नाता। हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।। सर्दी में गीले बिस्तर पर खुद […]

कुछ रिश्तों के कोई नाम नहीं होते, गुमनाम भटकते, अंजाम नहीं होते। खुले आसमान में उड़ते रहने की सोच, कोई इनके,आसमानी दायरे नहीं होते। ख्यालों की धुंध में जीने की हो चाहत, पलभर की खुशियाँ, हल्की-सी राहत। हवाओं में तराशे भावनाओं के बादल, यर्थाथ के झोंके, बिखरता आत्मबल। जिन्दगी से […]

इस धरती पर मां ईश्वर का है दूसरा रूप , मां की छवि है संसार का स्वरूप। मां ही होती है हम सबकी जन्मदाता, फिर भी नासमझ इंसान उसे नहीं है समझ पाता । मां है हमारे जीवन का आधार , मां में ही बसा हमारा संसार । मां है […]

1

कभी-कभी ऐसा भी हो जाता है, पंछी आशियाने से जुदा हो जाता है। वो बचपन,जब खेले थे साथ-साथ, लड़ना भी शामिल था अक्सर जिसमें… वो बचपन भी कहीं खो जाता है। ऐसा भी होता है अक्सर कि, माँ का कलेजा,माँ से जुदा हो जाता है। बेटी होती है बड़ी तो… […]

यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक / लेखकों का है, मातृभाषा.कॉम का नहीं। अधूरा नर,वैसे बिन नारी। सूना घर ज्यों,बिन फुलवारी ।। न हो अधम तू,बस मिथ्या में। क्यों […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।