Read Time0Seconds

ए मोहब्बत मेरी तुम ,
लगती हो जैसे ढलती शाम,
उगता रवि,चलती पवन
कवि की कविता,शायर की शायरी
गुलज़ार की गजल,प्रेम की कहानी
पक्षियों का कलरव, कोयल की राग
पर अब ना रही तुम, मेरी मोहब्बत
एक अरसा हुआ है,देखे तुम्हे
शायद नही मिल पाओगी, तुम मुझे
ए मोहब्बत मेरी तुम।
#दिनेश गर्ग ‘कोलू’
जोधपुर राज
लगती हो जैसे ढलती शाम,
उगता रवि,चलती पवन
कवि की कविता,शायर की शायरी
गुलज़ार की गजल,प्रेम की कहानी
पक्षियों का कलरव, कोयल की राग
पर अब ना रही तुम, मेरी मोहब्बत
एक अरसा हुआ है,देखे तुम्हे
शायद नही मिल पाओगी, तुम मुझे
ए मोहब्बत मेरी तुम।
#दिनेश गर्ग ‘कोलू’
जोधपुर राज
0
0
Post Views:
205