बढ़ती सब्जीयों की कीमत से आमजनों में आक्रोश।

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हरी सब्जी आलू प्याज की वेतहाशा मूल्य वृद्धि से आमजन को खासी परेशानियों का सामान करना पड़ रहा है।जहाँ प्याज की कमत 70-80 रू• आलू 50 तो हरी सब्जी 80 पर केजी बिक रही है।

एक तो लाकडाउन की मार और अब वेतहाशा मूल्य वृद्धि ऐसा लगता है आमजन नमक रोटी खाने पर विवश हो जाएंगे ।बाढ और सुखाड़ तो यहां प्रत्येक वर्ष आती है लेकिन इस तरह की वेतहाशा उछाल कभी नही हुई।

जो लोग रोज कमाते है उनके कमाई का साधन भी पर्याप्त नही है जबकि यह वेतहाशा मूल्य वृद्धि एक गहरी मुसीबत बन गया है।आखिर कम कमाने वाला दो- तीन सौ की सब्जी कैसे रोज खरीदे? आज का यह सबसे अहम और चुनौतीपूर्ण मसला है जिस पर सरकार के स्तर पर अविलंब ध्यान देने की जरूरत है।

आमजन का फल तो नही पर सब्जीयां उनका मुख्य आहार है पर वो भी उनकी पहुँच से बाहर जाता दिख रहा है। ऐसे हालात के आखिर जिम्मेदार कौन? क्यों नही कोल्ड स्टोरेज में पर्याप्त मात्रा में स्टाक रखे गये आखिर सरकारें क्यों सोती रही हैं ।

विगत एक माह से यह स्थिति बरकरार है और अभी बाजार की स्थिति से नही लगता कि किसी तरह की मूल्य घटने के चांसेज है ।आखिर यह मंहगाई की मार कबतक पड़ती रहेंगी जबकि सरकार के तमाम मशीनरी चुनाव में मस्त हैं।

                              आशुतोष 
                           पटना बिहार

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।