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अहंकार है शत्रु बड़ा
रहता है पास खड़ा
नज़र कही आता नही
हमसे दूर जाता नही
मन के किसी कोने में
जगह अपनी बनाता है
जब भी अवसर मिलता
हावी वह हो जाता है
काम,क्रोध,मोह,लोभ
भाई इसी के होते है
अहंकार के आने पर
वे दौड़े चले आते है
विनम्रता का एहसास भी
अहंकार का ही रूप है
बचकर रहो इससे
यही तो यमदूत है।
#श्रीगोपाल नारसन
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