बहिन भाई का संबंध

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छोटी बड़ी बहिनों का,
हमे मिलता रहे प्यार।
क्योकि मेरी बहिना ही,
है मेरी मातपिता यार।
जो मांगा वो लेकर दिया,
अपने आपको सीमित किया।
पर मांग मेरी पूरी किया,
और मेरे को खुश करती रही।
मेरी गलतियों को छुपाती रही,
और खुद डाट खाती रही।
पर मुझे हमेशा बचती रही,
ऐसी होती है बहिना।
उन सब का उपकार में,
कभी चुका सकता नहीं।
अपनी बहिनों को मैं,
कभी भूला सकता नहीं।
रहेंगी यादे सदा उनकी,
मेरे दिल के अंदर।
जो कुछ भी हूँ आज में,
बना बदौलत उनकी ही।
ये कर्ज हमारे ऊपर उनका
जिसको उतार सकता नही।
मैं अपनी बहिन को जिंदा,
रहते भूल सकता नही।
रक्षा बंधन पर बहिना से,
मिलना तो एक बहाना है।
वो तो मेरी हर धड़कन में,
बसती क्योंकि बहिन हमारी है।
इसलिए टूट सकता नही,
भाई बहिन का ये बंधन।
इसलिये भूल सकता नही,
रक्षा बंधन रक्षा बंधन।।

उपरोक्त मेरी कविता सभी भाइयों की ओर से बहिनों के लिए समर्पित है।
रक्षा बंधन की आप सभी लोगो को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

जय जिनेंद्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।