श्री छजलानी व श्री कुम्भज हिन्दी गौरव अलंकरण अलंकरण से हुए विभूषित

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अभय जी पत्रकारिता के शिखर और कुम्भज जी है कविता का कुम्भ – आनंद मोहन माथुर

इंदौर ।

हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्ध ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ 24 फरवरी 2020, सोमवार को स्थानीय श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति, इंदौर में हिंदी पत्रकारिता के शिखर व दशकों तक नईदुनिया के प्रधान संपादक रहें पद्म श्री अभय छजलानी व अज्ञेय के चौथा सप्तक के अग्र कवि, वरिष्ठ साहित्यकार राजकुमार कुम्भज को हिंदी गौरव अलंकरण प्रदान किया। आयोजन के मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी आनंद मोहन माथुर, महामंडलेश्वर दादू महाराज, अरविन्द जोशी एवं स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल व चंदा सिसौदिया रही।

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अतिथियों एवं संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ , राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ नीना जोशी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन ने पद्मश्री अभय छजलानी व राजकुमार कुम्भज को हिंदी गौरव अलंकरण से विभूषित किया।

अतिथियों का स्वागत संस्थान के अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन अविचल ने किया। मुख्य अतिथि आनंद मोहन माथुर ने अभय छजलानी जी की पत्रकारिता को निर्भीक पत्रकारिता बताते हुए कई पत्रकार व संपादक बनाने का श्रेय अभय जी को दिया। अलंकरण उपरांत मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिंदी योद्धाओं का सम्मान किया जिनमें वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा, डॉ हरेराम वाजपेयी, धनंजय गायकवाड़, अनीता जोशी, रचना जोशी, रचना जोहरी, फिरोज़ुद्दीन सिद्दकी, मनोज तिवारी, मंजू नायर, स्वप्निल सोलंकी आदि को भाषा सारथी सम्मान प्रदान किया। आयोजन का संचालन मंचीय कवि अंशुल व्यास एवं आभार डॉ नीना जोशी ने माना।

मातृभाषा उन्नयन संस्थान पदाधियकारियों सहित जलज व्यास, चेतन बेण्डाले, लक्ष्मण जाधव, मीना गोदरे आदि ने गणमान्य हिंदी प्रेमी उपस्थित रहें।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।