ऐ हवा

0 0
Read Time1 Minute, 18 Second

कुछ तो है , जो बदल रहा है।
ना जाने ये , क्या चल रहा है?
जल रहा है जो एक दीया सदियों से।
ऐ हवा ! अब ये तुमसे क्यों लड़ रहा है?
बुझ तो नहीं रही रोशनी धीरे-धीरे।
या फिर और जोरों से जल रहा है?
मालूम है मुझे , ये नहीं बुझने वाला।
पर पीछे ये खंजर कुछ कह रहा है।
कहे भी तो क्या! अल्फ़ाज़ नहीं है पास।
महसूस हुआ है , कुछ तो बदल रहा है।
हवा की धमकी का ज़रा सा भी डर है तो-
यह जलता हुआ दीया क्यों नहीं डर रहा है?
अब आँधियाँ नफ़रत की भी चलने लगी हैं।
फिर ये दीया कैसे अब तलक लड़ रहा है?
क्या करूँ? एक बोझ सा है सीने पे।
लेकिन बांवरा ! क्योंकर मचल रहा है?
बदलों से अंदाजा है , बारिश भी आने को है।
फिर ये किस ख्वाबों के महल में जल रहा है?
मैं समझ न पाया तो फिर क्या समझाऊं इसे।
ऐ हवा! तेरे साथ वक्त क्या कर रहा है?
लगता है कुछ अहसास दिलाना होगा इसको।
ख़ामोश ज़ज़्बात अब ये नहीं समझ रहा है।
ऐ हवा!!

दिग्विजय ठाकुर
लखनऊ

matruadmin

Next Post

पुस्तक परिचय : देहाती काव्याभिनन्दन

Fri Nov 22 , 2019
“ देहाती काव्याभिनन्दन ” लघुकाव्य पुस्तिका है, जिसकी रचनाएं सीधे हृदयतल तक कम्पन करा दें | करीब सत्रह (17) रचनाकारों ने युवाकवि अतुल मल्लिक अनजान के संपादन में वरिष्ठ साहित्यकार श्री विश्वनाथ दास देहाती के सम्मान में कलम चलाई है | बहुत ही सुंदर तरीके से अत्याधिक मेहनत से अनजान […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।