
ज्ञान का सागर है शिक्षक ,
महासागर है शिक्षक ,
जीवन का मान है शिक्षक ,
सृष्टि का अवतार है शिक्षक !
हमें ज्ञान की ज्योति देते है ,
हमें नवज्योति दिखाते है ,
विज्ञान प्रौद्योगिकी कला का सिखाते है ,
हमें माता – पिता से ऊंचा पद प्रतिष्ठा देते है !
सृजन के सृजन से ,
हमें चलना सिखाते है ,
हमें अंधेरों से ,
रोशनी की राह दिखाते है !
ब्रह्मा का रूप तुमको मै ,
हमेशा दिल से देते है ,
शिक्षक सृजन है सृष्टि का ,
पूरा विश्व मानता है !
रूपेश कुमार
छात्र एव युवा साहित्यकारजन्म – 10/05/1991शिक्षा – स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर)बी.एड (अध्ययनरत)( महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी बरेली यूपी)वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !विभिन्न राष्ट्रिय पत्र पत्रिकाओ मे कविता,कहानी,गजल प्रकाशित !कुछ सहित्यिक संस्थान से सम्मान प्राप्त !चैनपुर,सीवान बिहार – 841203