भाईचारा…..

0 0
Read Time2 Minute, 14 Second

keshav
इस प्यारी दुनिया से,
बीते हुए कल में।
समाज के लोगों ने,
अपने और गैरों ने।।

मुझे अपनों से दूर किया,
सोचने को मजबूर किया।
और अब!
कल की कल्पना ने,
आज के सपनों को..
आईना दिखा दिया,
है बेगाना बना दिया
कोड़ी कल्पना ने,
सफल सपने को..
चकनाचूर कर दिया,
मंजिल से दूर किया।।

आखिर गलती कहाँ,
क्यों मैं भटका यहाँ,
मैंने जो भी लिया,
सब वापिस किया,
क्यों फिर भी मुकदमा,
मुझ पर चोरी का हुआ।
जब मैं कामचोर नहीं,
किसी से कमजोर नहीं,
फिर आरोप लगाकर,
मुझे झूठा फंसाकर।
क्या नाटक किया,
क्या साबित किया।।

मैं बंधुआ नहीं,
मैं तेंदुआ हूँ।
जिससे आदमखोर,
जंगल के राजा शेर,
जीवनदान मांगते हैं।
यदि समाज के ठेकेदारों ने,
इस जन मन के गद्दारों ने।।

गद्दारी करना नहीं छोड़ा,
यदि मक्कारी नहीं छोड़ा।
मैं कृष्ण का कृपाण बनूँगा,
मैं अर्जुन का बाण बनूँगा।।
मैं लंका विजेता राम बनूँगा,
मैं बलशाली हनुमान बनूँगा।
मैं शास्त्र समझाऊँगा,
मैं शस्त्र भी उठाऊंगा।।

मैं गीता और कुरान बनूँगा,
ईश्वर अल्लाह का ध्यान करूँगा।
मैं अपनी आवाज को,
जन-जन तक पहुंचाऊंगा।
मैं भरत के भारत को,
फिर से विश्वगुरु बनाऊँगा।।

साहित्य की भाषा को,
केशव बन समझाऊँगा।
सबमें प्रेम भाई चारा की,
मैं अलख जगाऊंगा।
मैं इस दुनिया से,
बैर भाव को मिटाऊंगा।
सम्पूर्ण विश्व एक घर हो,
मैं ऐसा जहां बसाउंगा।
मैं ऐसा जहां बसाउंगा।।

  #केशव कुमार मिश्रा

परिचय: युवा कवि केशव के रुप में केशव कुमार मिश्रा बिहार के सिंगिया गोठ(जिला मधुबनी)में रहते हैं। आपका दरभंगा में अस्थाई निवास है। आप पेशे से अधिवक्ता हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

आज़ाद भारत के वैचारिक समन्वयक बाबा साहब

Thu Apr 13 , 2017
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जयंती विशेष: आज़ाद भारत के वैचारिक समन्वयक बाबा साहब —-अर्पण जैन ‘अविचल‘ धरती जब किसी चरित्रवान् नेतृत्व को जन्म देती है तो निश्चित तौर पर यह नेतृत्व का ही मान नहीं होता बल्कि धरती का भी गौरव स्थापित होता है | एसा ही एक गौरव मालवा […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।