भाईचारा…..

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keshav
इस प्यारी दुनिया से,
बीते हुए कल में।
समाज के लोगों ने,
अपने और गैरों ने।।

मुझे अपनों से दूर किया,
सोचने को मजबूर किया।
और अब!
कल की कल्पना ने,
आज के सपनों को..
आईना दिखा दिया,
है बेगाना बना दिया
कोड़ी कल्पना ने,
सफल सपने को..
चकनाचूर कर दिया,
मंजिल से दूर किया।।

आखिर गलती कहाँ,
क्यों मैं भटका यहाँ,
मैंने जो भी लिया,
सब वापिस किया,
क्यों फिर भी मुकदमा,
मुझ पर चोरी का हुआ।
जब मैं कामचोर नहीं,
किसी से कमजोर नहीं,
फिर आरोप लगाकर,
मुझे झूठा फंसाकर।
क्या नाटक किया,
क्या साबित किया।।

मैं बंधुआ नहीं,
मैं तेंदुआ हूँ।
जिससे आदमखोर,
जंगल के राजा शेर,
जीवनदान मांगते हैं।
यदि समाज के ठेकेदारों ने,
इस जन मन के गद्दारों ने।।

गद्दारी करना नहीं छोड़ा,
यदि मक्कारी नहीं छोड़ा।
मैं कृष्ण का कृपाण बनूँगा,
मैं अर्जुन का बाण बनूँगा।।
मैं लंका विजेता राम बनूँगा,
मैं बलशाली हनुमान बनूँगा।
मैं शास्त्र समझाऊँगा,
मैं शस्त्र भी उठाऊंगा।।

मैं गीता और कुरान बनूँगा,
ईश्वर अल्लाह का ध्यान करूँगा।
मैं अपनी आवाज को,
जन-जन तक पहुंचाऊंगा।
मैं भरत के भारत को,
फिर से विश्वगुरु बनाऊँगा।।

साहित्य की भाषा को,
केशव बन समझाऊँगा।
सबमें प्रेम भाई चारा की,
मैं अलख जगाऊंगा।
मैं इस दुनिया से,
बैर भाव को मिटाऊंगा।
सम्पूर्ण विश्व एक घर हो,
मैं ऐसा जहां बसाउंगा।
मैं ऐसा जहां बसाउंगा।।

  #केशव कुमार मिश्रा

परिचय: युवा कवि केशव के रुप में केशव कुमार मिश्रा बिहार के सिंगिया गोठ(जिला मधुबनी)में रहते हैं। आपका दरभंगा में अस्थाई निवास है। आप पेशे से अधिवक्ता हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।