वर्तमान समय में गिरते राजनीतिक स्तर लोकसभा चुनाव की आहट के मध्य हम सत्तरवां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं जब कई बार इस दिन मीडिया चैनलों के सामने इस राष्ट्रीय पर्व पर बहुत से लोग अनभिज्ञता दर्शातें है या सही नहीं बता पाते।बहुत से स्थानों पर यह पर्व औपचारिकता […]

मैं रास्ता भटक गया हूँ, जीवन के इस सफर में, दुखों ने भी डाला है डेरा, खुशियों के इस डगर में। मेरे अपने भी छूट गए हैं, मेरे सपने भी टूट गए हैं, गिर रहा हूँ हर कदम पर, दर-दर की ठोकरें खाकर, सम्भलने की कोशिशों में, हर बार असफल […]

परेशानियों के डर से जीना छोड़ दें, कष्ट हों तो क्या जिंदगानी छोड़ दें, लोग साथ न दें तो चलना छोड़ दें, आत्मविश्वास हो तो हर मिथक तोर दें, लड़कर परेशानीयों को पीछे छोड़ दें, हम केशव हैं! क्या हार के डर से लड़ना छोड़ दें? गरीबी,बेरोजगारी मजबूरी की बात […]

दहेज मांगकर हम ये कर रहे हैं, ना खुद जी रहे!ना मर ही रहे हैं, सभी जानते!अभिशाप है ये, जो माफ न हो!वो पाप है ये, इस आग में बहुत घर जल रहे हैं बच्चियाँ तो कोख में ही मर रही हैं, न जाने फिर क्यों!वही कर रहे हैं, ना […]

श्रीराम तुम्हारे श्रीचरणों में, मैं नित-नित शीष झुकता हूँ। मैं नित-नित शीष झुकता हूँ, अपनी बातें बतलाता हूँ। मुझे कष्ट हजारों हैं राघव, जिन्हें तुम्हें बताने आता हूँ। मन की अभिलाषा को तुम, भले!दरकिनार कर जाओ, मुझे राम राज्य की चाहत है, तुम फिर से राघव आ जाओ, इस धरा […]

हमेशा जो महत्व है, शादी में दुल्हन का, सर्वदा वही महत्व है, शादी में लाल रंग का। लाल रंग प्रतीक है, आपस में प्यार का, यह एक प्रतीक है, साहस,ताकत के संग, प्रेम और सौंदर्य का। इसलिए! दुल्हन का जोड़ा लाल, दुल्हन का सिंदूर लाल, दुल्हन की मेहँदी लाल, दुल्हन […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।