Read Time2 Minute, 50 Second
विधान~ [{मगण भगण नगण तगण तगण+22}
( 222 211 111 221 221 22)
17 वर्ण, यति 4, 6,7 वर्णों पर, 4 चरण
[दो-दो चरण समतुकांत]
प्यासा मांगे , जलनिधि बड़ा , तृप्ति में सार देखो!
तृष्णा लाई , बहुत गहरी , वासना धार लेखो !
तोलो मोती, चमक असली, चेतना द्वार पाओ !
बाधाओं को, गरल समझो , सोच विस्तार लाओ !!
नारी व्रीडा, मृदुल महकी , चाँदनी रात जानो !
तारे सारे , गगन छितरे , नेह बारात मानो !
छाया देती , मधुर रजनी , कालिमा जाल तोड़ो!
माया मीठी , मृदुल ममता , काम जंजाल छोड़ो !!
#छगन लाल गर्ग विज्ञ
परिचय-
छगन लाल गर्ग “विज्ञ”!
जन्मतिथि :13 अप्रैल 1954
जन्म स्थान :गांव -जीरावल तहसील – रेवदर जिला – सिरोही (राजस्थान )
पिता : श्री विष्णु राम जी
शिक्षा : स्नातकोतर (हिन्दी साहित्य )
राजकीय सेवा : नियुक्ति तिथि 21/9/1978 (प्रधानाचार्य, माध्यमिक शिक्षा विभाग, राजस्थान )
30 अप्रैल 2014 को राजकीय सेवा से निवृत्त ।
प्रकाशित पुस्तके : “क्षण बोध ” काव्य संग्रह गाथा पब्लिकेशन, लखनऊ ( उ,प्र)
“मदांध मन” काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ,प्र)
“रंजन रस” काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ,प्र)
“अंतिम पृष्ठ” काव्य संग्रह, अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद (उ,प्र)
“तथाता” छंद काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ.प्र.)
“विज्ञ विनोद ” कुंडलियाँ संग्रह , उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ (उ.प्र. ) ।
“विज्ञ छंद साधना” काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन!
साझा काव्य संग्रह – लगभग २५
सम्मान : विद्या वाचस्पति डाक्टरेट मानद उपाधि, साहित्य संगम संस्थान नईं दिल्ली द्वारा! विभिन्न साहित्यिक मंचो से लगभग सौ से डेढ सो के आस-पास!
वर्तमान मे: बाल स्वास्थ्य एवं निर्धन दलित बालिका शिक्षा मे सक्रिय सेवा कार्य ।अनेकानेक साहित्य पत्र पत्रिकाओ व समाचार पत्रों में कविता व आलेख प्रकाशित।
वर्तमान पता : सिरोही (राजस्थान )
Post Views:
6,162