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अहिंसा पर हिंसा भारी
कैसी हो गई ये लाचारी
खाकी में भी गद्दार छिपे
बदमाशों से ही जा मिले
दगा कर निर्दोष मरवाये
अपराधी मौके से भगाये
बाड़ खेत को खा रही है
हिंसा फ़सल लहला रही है
दल भी, दल दल में फंसे
‘विकास ‘जैसे उनके सगे
कैसे हो कानून का राज
पनप रहा है जंगलराज।
#श्रीगोपाल नारसन
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