Read Time29 Second

अहिंसा पर हिंसा भारी
कैसी हो गई ये लाचारी
खाकी में भी गद्दार छिपे
बदमाशों से ही जा मिले
दगा कर निर्दोष मरवाये
अपराधी मौके से भगाये
बाड़ खेत को खा रही है
हिंसा फ़सल लहला रही है
दल भी, दल दल में फंसे
‘विकास ‘जैसे उनके सगे
कैसे हो कानून का राज
पनप रहा है जंगलराज।
#श्रीगोपाल नारसन
Post Views:
498