बरसात

0 0
Read Time46 Second

कल रात उनसे ख्वाब में बात हो गई,
जिस बात का डर था वहीं बात हो गई।

घटाएं घिरी और बिजली चमकने लगी,
अंधेरा छाया और दिन में रात हो गई।

पास रहकर भी कभी उनसे गले न मिले,
गले मिले तो अश्कों की बरसात हो गई।

करवटें बदलते रहे सारी रात सोचते रहे,
सोचते ही सोचते यूंही सारी रात हो गई।

तड़फ रहे थे हम उनकी एक नजर के लिए,
उसने नजरे मिलाई और मुलाकात हो गई।

मुझे दुनिया वालो से अब क्या लेना देना,
मैंने छोड़ी सारी दुनिया तेरे साथ ही गई।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

Next Post

याद बहुत आते हैं

Wed May 26 , 2021
वो मक्के की रोटी, और चने का साग। याद बहुत आते हैं हमको, वो नानी के घर की शाम। गाँव की वो नहर जिसमें, मस्ती किया करते थे। आम की वो डाली जिस पर, झूला झूला करते थे। याद मुझको बड़े आते हैं, वो उल्टे सीधे काम। याद बहुत आते […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।