वे डंडे लेकर आये थे

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वे डंडे लेकर आये थे
और टूट पड़े
किसी निरीह पर
क्योंकि वो मारना चाहते थे।
और फिर घुस गए धार्मिक किताबों  की जिल्द में
जिसके भीतर के सभी पन्ने
दफना चुके थे वे पहले ही…
कुछ और लोग
जिन्होंने बना रखे थे नक्शे
अपने-अपने राज्य के 1
मार्क्स, माओ और हीगल की किताबों के पन्नों में
व्हाइटनर लगाकर
देश के उन भागों में
जहां के हो सकते थे वे राजा
या कमसे कम वो तो ऐसा ही सोंचते थे।
एक ने अलानी खोल देखी
और तुरंत ही अलाना धर्म खतरे में आ गया
दूसरे ने फलानी खोल देखी
और तुरंत ही फलाना धर्म खतरे में आ गया
बिना ये देखे कि
इन खोलों के भीतर उनके धर्म ग्रंथ नहीं
बल्कि साजिशें थीं।
धर्म का झाड़
तो महज आड़ था।
दरअसल इसके पीछे इनके सपनों का पहाड़ था।
#चित्रगुप्त 

matruadmin

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