#नीरज त्यागीग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश ).
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मेरे प्यारे बाबा मुझको रोज सुबह जगाते है।
उठ जा बाबू बोल बोल कर मेरी नींद भगाते है।
प्यारी प्यारी पुच्ची देकर मुझको गोदी में उठाते है।
देर हो रही स्कूल को , वो मुझको रोज समझाते है।
सुबह सुबह स्कूल जाने के लिए हंगामा रहता है।
मुझे छोड़ कर ना जाओ मुझसे बिस्तर कहता है।
कितनी भी जल्दी कर लूँ, रोज ही लेट हो जाती हूँ।
स्कूल बस की पों पों बजने के बाद रोज पहुचती हूँ।
प्यारे बाबा रोज मेरा स्कूल का बैग तैयार करते है।
बस को रोक कर स्टॉप पर मेरा इन्तेजार करते है।
ऐसे ही रोज रोज दौड़कर मैं बस को पकड़ती हूँ।
प्यारे बाबा की पुच्ची करके मैं स्कूल को चलती हूँ।
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