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रोजमर्रा की जद्दो-जहद में परेशान रहने दे
रहम कर रहनुमाओं मुझे बस इन्सान रहने दे ।
ये हिन्दू,ये मुसलमां,ये सिक्ख और ये ईसाई
मजहबी नाम पर ये वोटों की दुकान रहने दे ।
कब तक बेचेगा ज़मीर जम्हुरियत के बहाने
चैनो-अमन अहले वतन हिन्दूस्तान रहने दे ।
महफूज़ रहते हैं मजहब लोगो के दिलों में
कुरान मस्जिदों में मंदिरों में भगवान रहने दे ।
बहुत फिक्र है न तुझे अपने कौम के लोगों की
तो बस जिसकी जैसी है यहाँ पहचान रहने दे
रहम कर रहनुमाओं मुझे बस इन्सान रहने दे ।
ये हिन्दू,ये मुसलमां,ये सिक्ख और ये ईसाई
मजहबी नाम पर ये वोटों की दुकान रहने दे ।
कब तक बेचेगा ज़मीर जम्हुरियत के बहाने
चैनो-अमन अहले वतन हिन्दूस्तान रहने दे ।
महफूज़ रहते हैं मजहब लोगो के दिलों में
कुरान मस्जिदों में मंदिरों में भगवान रहने दे ।
बहुत फिक्र है न तुझे अपने कौम के लोगों की
तो बस जिसकी जैसी है यहाँ पहचान रहने दे
#अजय प्रसादनालंदा(बिहार )
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