गरीबी

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aashutosh kumar
अवतरित हुआ अब तो,
भारत का पार्थ।
पृथक-पृथक मानसिकता,
को देकर मात।।

शपथ लेकर आया है,
सुशोभित अब सिंहासन।
तनिक भी क्लेश नहीं,
दूर होगा अब दुःशासन ।।

जागृत रही जनआकांक्षा तो,
होंगे कठिन कार्य पूर्ण।
जनमत की ताकत तो,
अधिकार देता सम्पूर्ण।।

राष्ट्र ध्वज तीन रंगो का,
तीन ही सबकी मांग।
रोटी कपड़ा और हो मकान,
सबसे पहला काम।।

देखता हूँ आज भी,
फूटपाथ पर सोते लोग।
ठंढ में आग और गर्मी में,
वृक्ष से पनाह लेते लोग।।

नजर पड़ती पैरो पर,
फटी एडियाँ कहती।
चेहरे की शिकन तो
मजबूरियाँ ही बयां करती।।

झुग्गियों से टप टप,
चुती हुई बरसात की बूँदे
जब तन को भींगोती हैं
वेवसी कितनी रोती है।।

तपती घूप में मजदूरों को,
तन भींग रहा देखो।
शाम को सेठ का उससे
मोल भाव करता देखो।।

दिल पसीज जाता है,
वेवसी का मंजर देखकर।
पर वे तो वादे कर जाते
इन्हें बदहाली देकर।।

“आशुतोष”

नाम।                   –  आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम –  आशुतोष
जन्मतिथि             –  30/101973
वर्तमान पता          – 113/77बी  
                              शास्त्रीनगर 
                              पटना  23 बिहार                  
कार्यक्षेत्र               –  जाॅब
शिक्षा                   –  ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन                 – नगण्य
सम्मान।                – नगण्य
अन्य उलब्धि          – कभ्प्यूटर आपरेटर
                                टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य   – सामाजिक जागृति

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।