ये अल्लाह नहीं कहता ये भगवान नहीं कहता है..

0 0
Read Time1 Minute, 51 Second
vikram
फितरतें ही सब कहती है कुछ इंसान नहीं कहता है

ये बाईबल या गुरुग्रंथ का ज्ञान नहीं कहता है
यूं धर्मों के नाम पर हम खून के प्यासे हो जाएं
ये गीता नहीं कहती ये कुरान नहीं कहता है
धर्मों के नाम पर हम खेलें क्यों खेल खूनी
बहनों को करते बेवा , मांओं की गोद सूनी
यूं मन को भर के रखें बदले की कामना से
लूटें किसी की ईज्जत प्रतिशोध भावना से
ये आध्यात्म नहीं कहता ये विज्ञान नहीं कहता है
क्यों मातम में डूबे दिन क्यों उदासी रात करते
हम देश के भविष्य को क्यों अनाथ करते
अपने ही भाई भाई में लड़कर झगड़कर
तोडे़ं हम देश अपना बेवकूफियों में पड़कर
ये मां भारती का गौरव और शान नहीं कहता है
सृष्टि हमारी एक है ,लहू सभी का लाल है
फिर भी कई विभेदों से जीना हुआ मुहाल है
मैं मुस्लिमों का हूं या हूं हिन्दू भाई का
मैं सिक्खों का हूं या हूं सिर्फ इसाई का
ये धरती नहीं कहती ये आसमान नहीं कहता है
टपके किसी के आंसू तो अपना रूमाल दें हम
इंसानियत की ऐसी जिंदा मिसाल दें हम
हम प्रेमभाव के गीत रचें समरसता की राग से
धर्म भेद का नाम मिटाएं अपने दिलोदिमाग से
जीवन को अपने जीने का अधिकार हर किसी को
छीनें किसी की खुशियां या मार दें किसी को
ये अल्लाह नहीं कहता ये भगवान नहीं कहता है ।
विक्रम कुमार 
वैशाली(बिहार)

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

लावण्य

Fri May 3 , 2019
    बिखरता रूप कण कण से, बिखरती फुलझड़ी जैसे। सुनहरी फ्रेम में एक मरकरी, मूरत जड़ी जैसे।। हुआ अहसास ऐसा, आज हमको रूप दर्शन पर। अचानक शुभ घड़ी में , लौट आए जिंदगी जैसे।।   दीप सी चमकती आभा से हिम-सी शीतलता हो जैसे चन्दन सा आकर्षण लेकर कुमकुम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।