ब्रह्मचारिणी : (माँ का दूसरा रूप )

0 0
Read Time1 Minute, 8 Second
IMG-20181011-WA0018
माँ का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी का है ,जिसका शाब्दिक अर्थ है -‘ब्रह्मा का-सा आचरण करने वाली’। ‘ब्रह्मा’ का एक अर्थ तपस्या भी है, इसलिए ब्रह्मचारिणी को ‘तपश्चरिणी’ भी कहा जाता है । प्रतीक के रूप में इनके बाएँ हाथ में कमंडल और दाहिने हाथ में जप की माला दी गई है, जो साधना की अवस्था को दर्शाती है। इसमें साधक का ध्यान मूलाधार से उठकर स्वाधिष्ठान चक्र (लिंग-स्थान) पर आया है, जिसका मूल तत्त्व जल है ।
वैसे, ब्रह्मचारिणी के बारे में मान्यता है कि महादेव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए यह घोर तपस्या करती हैं : “ब्रह्म चारयितुं शीलं यस्या: सा ब्रह्मचारिणी ।” अर्थात् सच्चिदानंदमय ब्रह्मस्वरूप की प्राप्ति कराना जिसका स्वभाव हो वे ब्रह्मचारिणी हैं।
 #कमलेश कमल

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

अभिमान

Thu Oct 11 , 2018
आरव बड़ा अफसर था।  उसके अधीन कई कर्मचारी कार्यरत थे। एक बार उसे ऊपर से आदेश मिला कि इस वर्ष अच्छा प्रदर्शन करने वाले 10 कर्मचारियों की सूची बनाएँ , जिन्हें सम्मानित किया जायगा । आरव ने उसके कार्यालय में हमेशा दिखने वाले वैसे लोगों को चयन समिति का सदस्य […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।