सोच और ममता

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aashutosh kumar
राजू को अपनी ही पड़ोस कि एक लडकी से प्यार हो गया ।राजू ने उस लडकी कामिनी (काल्पनिक नाम) को दोस्त बनाया पर वह अपने प्यार का इजहार न कर सका, क्योंकि उसे डर था कि कहीँ वह और घर वाले विरोध न कर दे तो दोस्ती भी टुट जाएगी और वो ऊससे कभी बात तक नही करेगी दोनो समान जाति के नही थे इसी वजह से राजू परपोज करने से डर रहा था।
राजू की माँ दयालु और पूजा पाठ वाली थीं अक्सर वह पैदल ही मंदिर जाती उसी दौरान राजू और कामिनी को कई बार बात करते हँसते घुले मिले देखकर वह अंदाजा लगा चुकी थी कि दोनो एक दूसरे
को चाहते हैं पर राजू को तनिक भी शक नही होने दिया कि वो सब कुछ जानती है।उनकी दोस्ती गहरी हो रही थी राजू का प्यार भी गहरा होता गया धीरे धीरे समय बीतता गया,पर अभी तक दोनो ने अपने प्यार का इजहार नही किया दो परिवारो में रंजिश का डर उसे प्यार का इजहार करने से रोक लेता था।राजु की माँ सब जानती थी इसलिए बदलता समय देखकर उन्होने कामिनी की माँ से इस बारे में बात की वह भी असमंजस में थी पर उसे भी आभास था कि दोनो घुल मिल गए हैं ।दोनो की माँ प्रायः राजी थे।
अब राजू और कामिनी अक्सर बाहर ही मिलते थे..!
एक दिन अचानक माँ ने हिम्मत करके  कॉल किया और दोनो को बुलाया कहॉ कि मुझे तुमसे कुछ जरुरी बात करनी है
तुम लोग यहाँ आ जाओ इतना सुनते ही दोनो की हालत खराब हो गयी चेहरे पर हवाईयाँ उडने लगी दोनो मन मसोस कर मम्मी के पास आये।
आधे घंटे के बाद दोनो बताये गये जगह पर पहुँच गये। वहाँ कामिनी के माता पिता के साथ राजू के माता पिता भी मौजूद थे दोनो परिवारों को एक साथ देखकर राजू और कामिनी पसीना- पसीना हो रहे थे और तमाम तरह की आशंकायें मन में तेजी के साथ उत्पन्न होते और मिट जाते ।आ गये दोनो क्या विचार है तुम्हारा कामिनी के पिता ने राजू से पूछा?
कुछ नही कुछ नही
मतलब
ऐसे ही दौडते रहोगे
नहीं
बरखुदार ज्यादा बनो मत सब जानता हूँ मै!
क्या
दोनो के चेहरे पीले पड गये थे
सुनो मैने तुम दोनो की शादी पक्की कर दी ।
क्या?
कैसिल भी हो सकती है तुम कह दो तो लेकिन फिर कभी कामिनी नही दिखेगी?
क्यो?कामिनी
जी जी
दोनो हँसने लगे पापा को हँसता देख दोनो शरमाकर इधर उधर देखने लगे
राजू की माँ बोली
आज से कामिनी हमारी बहु है
इसे ज्यादा मत सताया कर
जा अपने कमरे में ?
दोनो हल्के हल्के कदमो से चलते हुए अपने कमरे की ओर जाने लगे ।
अगले हप्ते उनकी शादी हो गयी ।
दरअसल इस शादी की नींव राजु की माँ ने ही रखी उसने ही सभी से बात करने की पहल की तो आज दोनो परिवार खुश है एक माँ की प्रयास और बदलते माहौल के संग बदलते सोच को पकडकर उन्होने महिला की विकसित सोच और ममता का उत्कृष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया।दरअसल माँ जीवन की उस कडी के समान है जो एक एक कड़ी जुड़ कर ही संपूर्ण होता है माँ है तो मुमकिन है ।

“आशुतोष”

नाम।                   –  आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम –  आशुतोष
जन्मतिथि             –  30/101973
वर्तमान पता          – 113/77बी  
                              शास्त्रीनगर 
                              पटना  23 बिहार                  
कार्यक्षेत्र               –  जाॅब
शिक्षा                   –  ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन                 – नगण्य
सम्मान।                – नगण्य
अन्य उलब्धि          – कभ्प्यूटर आपरेटर
                                टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य   – सामाजिक जागृति

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।